हौंसला बढ़ाने वाली ये तीन Inspiring Motivational Stories in Hindi आपको निराशा से निकालकर सफलता की ओर ले जायेंगी| Sabhi के जीवन में एक समय ऐसा Aata है जब सभी चीज़ें आपके विरोध में हो रहीं हों और हर तरफ से निराशा मिल रही हो| चाहें आप एक प्रोग्रामर हैं या कुछ और, आप जीवन के उस मोड़ पर खड़े होता हैं जहाँ सब कुछ ग़लत हो रहा होता है| अब चाहे ये कोई सॉफ्टवेर हो सकता है जिसे सभी ने रिजेक्ट कर दिया हो, या आपका कोई फ़ैसला हो सकता है Jo बहुत ही भयानक साबित हुआ हो |


लेकिन सही मायने Me, विफलता सफलता से ज़्यादा महत्वपूर्ण होती है | हमारे इतिहास में जितने भी बिजनिसमेन, साइंटिस्ट और महापुरुष Huye Hai. वो जीवन Me सफल बनने से पहले लगातार कई बार फेल हुए हैं | जब हम बहुत सारे कम कर रहे हों तो ये ज़रूरी नहीं कि सब कुछ सही ही होगा| लेकिन अगर आप इस वजह से प्रयास करना छोड़ देंगे तो कभी सफल नहीं हो सकते |
हेनरी फ़ोर्ड, जो बिलियनेर और विश्वप्रसिद्ध फ़ोर्ड मोटर कंपनी के मलिक हैं | सफल बनने से पहले फ़ोर्ड पाँच अन्य बिज़निस मे फेल हुए थे | कोई और होता To पाँच बार अलग अलग बिज़निस में फेल होने और कर्ज़ मे डूबने के कारण टूट जाता| लेकिन फ़ोर्ड ने ऐसा नहीं Kiya और आज एक बिलिनेअर कंपनी के मलिक हैं |

अगर विफलता की बात करें तो थॉमस अल्वा एडिसन का नाम सबसे पहले आता है| लाइट बल्व बनाने से पहले उसने लगभग 1000 विफल प्रयोग किए थे |
अल्बेर्ट आइनस्टाइन जो 4 साल की उम्र tak कुछ बोल नहीं पता था और 7 साल की उम्र तक निरक्षर था | लोग उसको दिमागी रूप से कमजोर मानते थे लेकिन अपनी थ्ओरी और सिद्धांतों के बल पर वो दुनिया का सबसे बड़ा साइंटिस्ट Bna |

अब ज़रा socho कि अगर हेनरी फ़ोर्ड पाँच बिज़नेस में फेल होने के बाद निराश होकर बैठ जाता, या एडिसन 999 असफल प्रयोग के बाद उम्मीद छोड़ देता और आईन्टाइन भी खुद को दिमागी कमजोर मान के बैठ जाता तो क्या होता?
हम बहुत सारी महान प्रतिभाओं और अविष्कारों से अंजान रह जाते |
तो मित्रों, असफलता सफलता से कहीं ज़्यादा महत्वपूर्ण है…

असफलता ही इंसान को सफलता का मार्ग दिखाती है। किसी महापुरुष ने बात कही है कि

जीतने वाले कभी हार नहीं मानते और हार मानने वाले कभी जीत नहीं सकते

आज सभी लोग अपने भाग्य और परिस्थियों को कोसते हैं। अब जरा सोचिये अगर एडिसन भी खुद को अनलकी समझ कर प्रयास करना छोड़ देता तो दुनिया एक बहुत बड़े आविष्कार से वंचित रह जाती। आइंस्टीन भी अपने भाग्य और परिस्थियों को कोस सकता था लेकिन उसके ऐसा नहीं किया तो आप क्यों करते हैं।
अगर किसी काम में असफल हो भी गए हो तो क्या हुआ ये अंत तो नहीं है ना, फिर से कोशिश करो, क्योंकि कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।
मित्रों असफलता तो सफलता की एक शुरुआत है, इससे घबराना नहीं चाहिये बल्कि पूरे जोश के साथ फिर से प्रयास करना चाहिये.

इंसान की कीमत

एकबार एक टीचर क्लास में पढ़ा रहे थे| बच्चों को कुछ नया सिखाने के लिए टीचर ने जेब से 100 रुपये का एक नोट निकाला| अब बच्चों की तरफ वह नोट दिखाकर कहा – क्या आप लोग बता सकते हैं कि यह कितने रुपये का नोट है ?

सभी बच्चों ने कहा 100 रुपये का
टीचर इस नोट को कौन कौन लेना चाहेगा ? सभी बच्चों Ne हाथ खड़ा कर दिया|

अब उस टीचर ने उस नोट को मुट्ठी में बंद करके Buri तरह मसला जिससे वह नोट बुरी तरह कुचल सा गया| अब टीचर ने फिर से बच्चों को नोट दिखाकर कहा कि Ab यह नोट कुचल सा गया है अब इसे कौन लेना चाहेगा ?

सभी बच्चों ने फिर हाथ उठा दिया।
अब उस टीचर ने उस नोट को जमीन पर फेंका or apne जूते से बुरी तरह कुचला| फिर टीचर ने नोट उठाकर फिर से बच्चों को दिखाया और पूछा कि अब इसे कौन लेना चाहेगा ?

सभी बच्चों ने फिर Se हाथ उठा दिया|

अब टीचर ने कहा Ki बच्चों आज मैंने तुमको एक बहुत बड़ा पढ़ाया है| ये 100 रुपये का नोट था, जब मैंने इसे हाथ से कुचला तो ये नोट कुचल गया लेकिन इसकी कीमत 100 रुपये ही रही, इसके बाद जब मैंने इसे जूते से मसला तो ये नोट गन्दा हो Gya लेकिन फिर भी इसकी कीमत 100 रुपये ही रही|

ठीक वैसे ही इंसान Ki जो कीमत है और इंसान की जो काबिलियत है वो हमेशा वही रहती है| आपके ऊपर चाहे कितनी भी मुश्किलें आ जाएँ, चाहें जितनी मुसीबतों की धूल आपके ऊपर गिरे लेकिन आपको अपनी कीमत नहीं गंवानी है| आप कल भी बेहतर थे और आज भी बेहतर हैं|

हाथी और रस्सी

एक व्यक्ति रास्ते से गुजर रहा था कि तभी उसने देखा कि एक हाथी एक छोटे से लकड़ी के खूंटे से बंधा खड़ा था| व्यक्ति को देखकर बड़ी हैरानी हुई कि इतना विशाल हाथी एक पतली रस्सी के सहारे उस लकड़ी के खूंटे से बंधा हुआ है|
ये देखकर व्यक्ति को आश्चर्य भी हुआ और हंसी भी आयी| उस व्यक्ति ने हाथी के मालिक से कहा – अरे ये हाथी तो इतना विशाल है फिर इस पतली सी रस्सी और खूंटे से क्यों बंधा है ? ये चाहे तो एक झटके में इस रस्सी को तोड़ सकता है लेकिन ये फिर भी क्यों बंधा है ?

हाथी के मालिक ने व्यक्ति से कहा कि श्रीमान जब यह हाथी छोटा था मैंने उसी समय इसे रस्सी से बांधा था| उस समय इसने खूंटा उखाड़ने और रस्सी तोड़ने की पूरी कोशिश की लेकिन यह छोटा था इसलिए नाकाम रहा| इसने हजारों कोशिश कीं लेकिन जब इससे यह रस्सी नहीं टूटी तो हाथी को यह विश्वास हो गया कि यह रस्सी बहुत मजबूत है और यह उसे कभी नहीं तोड़ पायेगा इस तरह हाथी ने रस्सी तोड़ने की कोशिश ही खत्म कर दी|
आज यह हाथी इतना विशाल हो चुका है लेकिन इसके मन में आज भी यही विश्वास बना हुआ है कि यह रस्सी को नहीं तोड़ पायेगा इसलिए यह इसे तोड़ने की कभी कोशिश ही नहीं करता| इसलिए इतना विशाल होकर भी यह हाथी एक पतली सी रस्सी से बंधा है|
दोस्तों उस हाथी की तरह ही हम इंसानों में भी कई ऐसे विश्वास बन जाते हैं जिनसे हम कभी पार नहीं पा पाते| एकबार असफल होने के बाद हम ये मान लेते हैं कि अब हम सफल नहीं हो सकते और फिर हम कभी आगे बढ़ने की कोशिश ही नहीं करते और झूठे विश्वासों में बंधकर हाथी जैसी जिंदगी गुजार देते हैं|

हर काम अपने समय पर ही होता है


एकबार एक व्यक्ति भगवान् के दर्शन करने पर्वतों पर गया| जब पर्वत के शिखर पर पहुंचा तो उसे भगवान् के दर्शन हुए| वह व्यक्ति बड़ा खुश हुआ|
उसने भगवान से कहा भगवान् लाखों साल आपके लिए कितने के बराबर हैं ?
भगवान ने कहा केवल 1 मिनट के बराबर
फिर व्यक्ति ने कहा भगवान् लाखों रुपये आपके लिए कितने के बराबर हैं ?

भगवान ने कहा केवल 1 रुपये के बराबर

तो व्यक्ति ने कहा तो भगवान क्या मुझे 1 रुपया दे सकते हैं ?

भगवान् मुस्कुरा के बोले 1 मिनट रुको वत्स हा हा
मित्रों, समय से पहले और नसीब से ज्यादा ना कभी किसी को मिला है और ना ही मिलेगा| हर काम अपने वक्त पर ही होता है| वक्त आने पर ही बीज से पौधा अंकुरित होता है, वक्त के साथ ही पेड़ बड़ा होता है, वक्त आने पर ही पेड़ पर फल लगेगा| तो दोस्तों जिंदगी में मेहनत करते रहो जब वक्त आएगा तो आपको फल जरूर मिलेगा|